जब बालिकाओं को घर की चारों की देवी से बाहर निकल और शिक्षा प्राप्त करने में समाज में संकोच किया उस समय बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए स्वनाम धन्य दानवीर श्री चैतररन जी बगड़ी में 15 -04 -1928 में इस संस्था की स्थापना की | उस समय बालिकाओ को व्यावसायिक शिक्षा के तहत सिलाई, पाककला, कन्या स्वास्थ्य विषय का अध्यापन कार्य किया गया था |
1928 से 2017 तक की अवधि में विध्यालय ने प्राथमिक स्तर से उ. मा. स्तर बिना किसी गतिरोध के निर्बाध गौरवमय सफर किया |
1960 से 2016 तक संस्था की छात्राओं ने बोर्ड की परीक्षाओ में राज्य स्तर पर उपलब्धियाँ प्राप्त की है | इतना ही नहीं खेलकूद में राज्य स्तर प्रतियोगिताओ में संस्था का परचम फहराया है |
संस्था को राज्य सर्कार से स्टेट टाइम से अनुदान भी प्राप्त होता रहा | 2011 के बाद अनुदान समाप्त कर दिया गया | संस्था में X II स्तर पर कला एवं वाणिज्य संकाय है | कंप्यूटर एवं वैकल्पिक विषय, कंप्यूटर की सुसज्जित प्रयोगशाल और एक व्यवस्थित लाइब्रेरी भी है |
यह विज्ञापन नहीं है न ही लाभ के लिए व्यावसायिक प्रक्रिया है | सिर्फ बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन और शिक्षा की गुणवत्ता में बालिकाओं में कौशल विकास को मूर्त रूप देने के लिए संस्था की दृढ़ संकल्प है |